द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनी|

 

आदिवासी , यह शब्द सोच के आपके मन में क्या ख़याल आता है ? ऐसे लोग जो इंसान तो होते है लेकिन इंसानो से बिल्कुल अलग ,जैसे पते पहनते है  या फिर जनवरो का शिकार करते है| अगर आपको बताया जाए की एक  आदिवासी महिला भारत के राष्ट्रीपति के पद के उमीदवार के तौर पर चयनित की गयी है तो? जी हाँ मैं द्रौपदी मुर्मू की बात कर रही हूँ।

 

ओडिशा के एक बेहद साधारण घर से आने वाले आदिवासी परिवार की बेटी द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गई हैं। 18 जुलाई 2022 को भारत में 15वां राष्ट्रपति चुनाव हुआ था, और इस चुनाव के बाद  मुर्मू भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं। वह प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के बाद यह पद संभालने वाली दूसरी महिला भी हैं,  जिन्होंने 25 जुलाई 2007 और जुलाई 2012 के बीच पद संभाला था। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार  यशवंत सिन्हा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने मुर्मू को जीत की बधाई दी।

 

20 जून, 1958 को ओडिशा के सबसे दूरस्थ और अविकसित जिलों में से एक, स्वर्गीय बिरंची नारायण टुडु के घर जन्मी द्रौपदी मुर्मू का बचपन परेशानी भरा था। इसके बावजूद, मुर्मू ने 1994-1997 तक बिना वेतन के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक के रूप में अपनी शिक्षा पूरी की और अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। 1997 में, राजनीतिक क्षेत्र में मुर्मू का कार्यकाल पार्षद के रूप में उनकी जीत के साथ शुरू हुआ। मुर्मू को रायरंगपु राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

 

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