इस Article में हम Plant Pathology in Hindi (पादप रोग विज्ञान ) के बारे में पढ़ेंगे। जिसमे पढ़ेंगे What is Plant pathology in Hindi (Plant pathology क्या है ?), Definition of Plant pathology in Hindi (पादप रोग की परिभाषा ), Objective of Plant Pathology in Hindi (पादप रोग विज्ञान का उद्देश्य ) आदि के बारे में पढ़ेंगे।Plant Pathology in Hindi



Plant Pathology in Hindi (पादप रोग विज्ञान)
Plant pathology को Phytopathology के नाम से भी जाना जाता है। Plant Pathology शब्द की उत्पत्ति Greek भाषा के शब्द Phyton जिसका अर्थ Plant + Pathos जिसका अर्थ Suffering और logy जिसका अर्थ Knowledge (ज्ञान ) है | इसलिए ये पादप रोग विज्ञान के नाम से जाना जाता है।

ये जीवविज्ञान (Biology) की एक ऐसी जिसके अंतर्गत पौधो के रोगो, रोगो के कारणों, रोगो से हुई हानि, तथा रोगो के नियंत्रण आदि का अध्ययन करते है।

पौधो में जीवाणु व विष्णु माइक्रोप्लाज़्मा गैसों के कारण रोग पनपते है। जिसकी वजह से पूरी दुनिया में जंगल आदि भी प्रभावित हो रहे है। इन्हे स्वच्छ रखना बेहद जरुरी है। क्युकी दुनिया में रहने वाला प्रत्येक मनुष्य, जीव जंतु पौधो पर निर्भर है। इसलिए Plant Pathology बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्युकी इसमें ही पौधो के रोगो के लक्षणों, उनके कारणों और पेड़ पौधो में होने वाली कमियों आदि का अध्ययन करते है।



Definition of Plant Pathology in Hindi
Plant Pathology (पादप रोग विज्ञान) कृषि विज्ञान या जीवविज्ञान की एक शाखा है। जिसमे पादप रोग तथा पादप रोग कारणों एवं उनसे होने वाली हानि आदि का अध्ययन करते है।

History of Plant Pathology in Hindi
अगर Plant Pathology का इतिहास देखे, तो ये सन 1673 से शुरू होता है।

सर्वप्रथम 1673 में Antony Won ने एक साधारण सूक्ष्मदर्शी का निर्माण किया तथा इसकी सहायता से Bul Cell व जीवाणुओं को देखकर उनका वर्णन किया।
इसके बाद सन 1748 में एक अंग्रेजी पादरी तथा प्रकृति वैज्ञानिक नीधम ने Spontaneous Generation का अनुमोदन किया।
सन 1753 ई० में टिलेट नामक वैज्ञानिक ने यह दर्शाया की गेहू में लगाने वाला कड़वा रोग एक सक्रामक रोग है।
प्रिवेस्ट नामक वैज्ञानिक ने 1807 ई० में यह सिद्ध किया की गेहू का कड़वा रोग कवक के द्वारा होता है।
रोबर्ट हुक 1820 में सर्वप्रथम Compound Microscope के माध्यम से Fungus के Spore को देखा।
इसके बाद वैज्ञानिक ब्री फील्ड ने सन 1875 तथा 1912 ई० के बीच में Artificial Culture विधियों की खोज की।
सन 1878 में फ्रांस के प्रो० मिटार्डेड ने अंगूर के “Downy Mildow” रोग के नियंत्रण के लिए बोर्डो मिश्रण की खोज की नीला थोया, बुझा चूना तथा पानी का मिश्रण होता है।
इसके बाद 20वी शताब्दी में सर्वप्रथम वीफेन (1905 – 1912) एवं Arton (1900 -1909) में पौधो के रोग रोधिता की अनुवांशिकी पे कार्य किया।
रोबर्ट कोच ने यह सिद्ध किया की सूक्ष्मजीव ही किसी विशेष सक्रामक बीमारी के लिए उत्तरदायी होते है।
Objective of Plant Pathology in Hindi
इसमें वैज्ञानिक ढंग से पौधो के रोगो का अध्ययन करते है। जिससे पौधो की बीमारियों का नियंत्रण कर सकते है।
पौधो में उत्पन्न होने वाले रोग जीवित अजीवित व वातावरणीय कारको का अध्ययन करना।
पौधो रोग प्रबंधन प्रणाली को विक्सित करना व रोगो से होने वाली हानि को काम करना।
Branches of Plant Pathology in Hindi
Plant pathology या पादप रोग विज्ञान की बहुत सी Branches है। लेकिन यहाँ पे कुछ Main Branches शाखाओ के नाम बता रहा हूँ।



Microbiology
Bacteriology
Virology
Phycology
Micology
Protozoology
Microbiology
Plant pathology की Branch Microbiology में सूक्ष्म जीव का अध्ययन किया जाता है। इसमें उन जीवो का अध्ययन किया जाता है। जो की नग्न आँखों से दिखाई नहीं देते है। जैसे – बैक्टीरिया, कवक, शैवाल, आर्किया, प्रियन, प्रोटोजोआ आदि।

Bacteriology
इसमें bacteria जीवाणुओं और उनके सम्बन्ध में नियंत्रण का अध्ययन करते है।

Virology
Virology में Virus (विषाणुओ) तथा Viral रोगो का अध्ययन है।

Phycology
Phycology में शैवालों का अध्ययन करते है।

Mycology
Mycology में Fungi (फफूद या कवक) का अध्ययन है। इसमें उनके अनुवांशिक तथा जैव रासायनिक गुण एवं वर्गीकरण, पारम्परिक चिकित्सा आदि शामिल है।



Protozoology
Protozoology में प्रोटोजोआ का अध्ययन करते है। Protozoology में प्रोटोजोआ का अध्ययन करते है। इस विज्ञान की शुरुआत 17वी० में हुई थी। जब नीदरलैंड के एंटोनी वैन लीउवेनहोक ने सर्वप्रथम अपने द्वारा अविष्कार किये हुए Microscope के माध्यम से प्रोटोज़ोआ का अवलोकन किया।